मार्च-अप्रैल भाजपा के लिए होंगे अहम: तीन साल पूरे होने पर सरकार मनाएगी जश्न, नए मुख्य सचिव और प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान संभव

मार्च का महीना उत्तराखंड की राजनीति और सत्तारूढ़ भाजपा के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। 23 मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार तीन साल का कार्यकाल पूरा करेगी, जिसे लेकर सरकार जश्न की तैयारी में है। इसी मौके पर सरकार अपने अगले दो वर्षों के लिए रोडमैप और लक्ष्य तय करते हुए 2027 के विधानसभा चुनाव की ओर कदम बढ़ाएगी।

तीन साल पूरे होने पर सरकार का जश्न और भावी एजेंडा
23 मार्च को सीएम धामी सरकार का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। इसे लेकर सरकार अपनी उपलब्धियों को जनता के सामने रखेगी और भविष्य की योजनाओं का खाका भी पेश करेगी। यह अवसर भाजपा के लिए चुनावी मोड में जाने का भी संकेत माना जा रहा है।

नए मुख्य सचिव की होगी नियुक्ति
वर्तमान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का सेवा विस्तार 31 मार्च को समाप्त हो रहा है। उन्हें दो बार सेवा विस्तार मिल चुका है, और अब उनके एक बार और विस्तार की संभावना कम बताई जा रही है। उन्होंने मुख्य सूचना आयुक्त पद के लिए आवेदन भी किया है। ऐसे में नए मुख्य सचिव के रूप में वरिष्ठता के आधार पर आनंद बर्द्धन का नाम सबसे आगे चल रहा है। अन्य वरिष्ठ अधिकारी एल. फनई और आर. के. सुधांशु अभी तक एसीएस ग्रेड में नहीं पहुंचे हैं, जिससे उनकी दावेदारी कमजोर हो जाती है।

भाजपा में नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान भी संभव
भाजपा संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया का अधिकांश हिस्सा पूरा कर चुकी है। मंडल और जिला अध्यक्षों की घोषणा के बाद अब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा बाकी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, मार्च के अंत या अप्रैल के पहले हफ्ते में नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है। केंद्रीय नेतृत्व से अंतिम मुहर का इंतजार है।

सरकारी और धार्मिक तैयारियों का भी अंतिम चरण
सरकार ने 1 अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्तीय वर्ष के लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। साथ ही 30 अप्रैल से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा की तैयारियों को भी इस महीने के अंत तक अंतिम रूप दिया जाएगा।

कैबिनेट विस्तार की अटकलें भी तेज
मार्च के आखिर तक मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना भी जताई जा रही है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री धामी इस दौरान कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकते हैं और दायित्वों का पुनः बंटवारा भी कर सकते हैं।

इन सभी गतिविधियों के चलते मार्च और अप्रैल का महीना उत्तराखंड की राजनीति में कई बड़े फैसलों और बदलावों का गवाह बनने वाला है।

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