पौड़ी गढ़वाल के लोकल व्यंजन: पहाड़ी स्वाद का आनंद ( Local dishes of Pauri Garhwal : taste and health)

उत्तराखंड के खाने में आपको कई वैरायटी देखने को मिल जाएंगी, जिसे यात्री सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। उत्तराखंड जो अपनी पहाड़ी सुंदरता, कला, रीति—रिवाज और खाने के लिए जाना जाता है। यहां के खाने को चjखने वाला हर पर्यटक उंगलियां चाटने पर मजबूर हो जाता है।

1 – भांग की चटनी (Bhang ki chutney)

आपने आम तौर पर भांग के पकोड़े तो सुने होंगे, लेकिन क्या आपने कभी भांग की चटनी के बारे में सुना है? भांग की चटनी उत्तराखंड के लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय है। पहाड़ के लोग यह चटनी अपने ही खेत मे लगी भांग से बनते है जिसके कारण इसका स्वाद और बढ़ जाता है। इसको तैयार करने के लिए भांग, इमली और कई तरह के मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। इसे आप अन्य व्यंजनों के साथ स्वाद लेकर खा सकते हैं। ये चटनी अन्य खानों के स्वाद को और बढ़ा देती है। अगर आप उत्तराखंड घूमने जा रहे हैं, तो भांग की चटनी को एक बार टेस्ट जरूर करें।

2 – कंडाली का साग (Kandalee ka saag)

पहाड़ों में लगने वाली यह सब्जी पकने के बाद बहुत अच्छी लगाती है, लेकिन अगर पकने से पहले यह कहीं लग जाए तो मारे जलन के हालत कराब हो जाती है। इसी वजह से इसे बड़े आराम से निकाल कर पकाया जाता है| उत्तराखंड के फेमस व्यंजनों की बात की जाती है तो उसमें कंडाली के साग का नाम सबसे पहले सामने आता है। आपको बता दें, इस स्वादिष्ट सब्जी को बनाने के लिए कंडाली को उबालकर तैयार किया जाता है।भुनी हुई लाल मिर्च खाने से इसका स्वाद और भी ज्यादा बड़ जाता है।

3झंगोरे की खीर

झंगोरा एक अनाज है और यह उत्तराखंड के पहाड़ों में उगता है। इसकी खीर का स्वाद लाजवाब होता है। इसे धोकर दूध में पकान के लिए छोड़ दिया जाता है बाद में चीनी या गुड डालकर धीमी आंच में फिर से पकाया जाता है। स्वाद ऐसा की जो एक बार खा ले वो इसे भूले न भुला पाए। लेकिन केवल स्वाद मे ही नहीं यह विटामिन व प्रोटीन का भी जबर्दस्त स्त्रोत माना जाता। खाने के बाद आपके अंदर ऊर्जा की कोई कमी नहीं होगी एक कारण यह भी है उत्तराखंड के लोगों का इतना चुस्त और दुरुस्त होने का।

4बाड़ी (Badi)


गाँव के लोगो के बीच बाड़ी काफी लोकप्रिय है। बाड़ी न केवल अपने स्वाद के लिए बल्कि अपने औषधीय गुणों के लिए भी जानी जाती है। यह स्वाद और पोषण का बहुत अच्छा कॉम्बिनेशन है, जिस वजह से इसे गढ़वाल क्षेत्र का सबसे अच्छा पारंपरिक भोजन माना जाता है। इसे काले आटे से यानी कोदे ( Ragi Flour) के आटे से तैयार किया जाता है। सर्दियों मे इसका सेवन आपको ठंड लगने से बचाता हैं और आपको बीमारियो से लड़ने की शामत भी देता है |

5 आलू या मूली की थिचवानी (Aalu Muli ki Thichwani)

घर के आलू और पहाड़ी मूली दोनों को ही हल्का हल्का सीलबट्टे में कूट कर इसकी सब्जी बनाई जाती है जो की स्वाद में एकदम लाजवाब होती है। इसे चावल व रोटी दोनो के साथ पसन्द किया जाता है। अधिकतर गाँव मे दिन के खाने मे यह बनाया जाता है जिसे अगर आप एक बार खा लेंगे तो आपको खाना खाने की तृप्ति क्या होती है इसका अंदाज हो जायेगा।

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