ऋषिकेश के पांच प्रसिद्ध गंगा आरती स्थल

ऋषिकेश की गंगा आरती केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह यहां की संस्कृति और परंपरा का भी एक अहम हिस्सा है। ऋषिकेश में 5 ऐसी जगहें हैं जहां आपको गंगा आरती देखनी चाहिए।

 परमार्थ निकेतन आरतीअगर आप ऋषिकेश आएं, तो यहाँ की आरती ज़रूर देखें। देश-विदेश से लोग इस जगह की आरती देखने आते हैं। गंगा घाट के किनारे बैठकर लोग यहाँ की आरती का आनंद लेते हैं और इसे देखने के लिए भारी भीड़ जमा होती है। परमार्थ निकेतन की आरती यहाँ के वेदों का ज्ञान ले रहे विद्यार्थी और स्वामी चिदानंद सरस्वती जी, जो यहाँ के अध्यक्ष हैं, मंत्रों और भजनों के साथ करते हैं।

आरती का समय: यहाँ की आरती शाम को 6 बजे से शुरू होती है और 7 बजे तक चलती है। सर्दियों में आरती का समय थोड़ा पहले हो जाता है।

परमार्थ निकेतन कैसे पहुँचें?

आप टैक्सी, ऑटो या अपने वाहन से यहाँ जा सकते हैं। इसकी दूरी जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से 24 किलोमीटर, ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से 4.6 किलोमीटर औरnऋषिकेश बस स्टैंड से 3 किलोमीटर l

 मधुबन आश्रम की आरती: यह मंदिर पूरी तरह भगवान राधा-कृष्ण को समर्पित है। यहाँ आपको सुबह और शाम दोनों समय भगवान कृष्ण की आरती देखने को मिलेगी। यदि आप भगवान श्रीकृष्ण के भक्त हैं तो यहाँ आकर आरती का आनंद अवश्य लें। इसके अलावा, आप अपने और परिवार की ओर से भी आरती करवा सकते हैं, जिसके अलग-अलग शुल्क होते हैं। यहाँ की आरती और इसके साथ ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ का भजन आपको बहुत पसंद आएगा।

आरती का समय:-

सुबह: 5:00 बजे और शाम: 7:00 बजे

मधुबन आश्रम कैसे पहुँचे?

यह मंदिर कैलाश गेट, मुनी की रेती के पास स्थित है। यहाँ आप अपने वाहन या ऑटो से आ सकते हैं। यह ऋषिकेश से 4 किमी दूर है। जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से 27 किमी और जानकी सेतु से पहले स्थित है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से यह 4 किमी दूर है और ऋषिकेश बस स्टैंड से 3 किमी दूर है।

 शत्रुघ्न घाट गंगा आरती: ऋषिकेश के पवित्र गंगा के किनारे बसा यह सुंदर घाट शत्रुघ्न घाट है और इसके पास ही इनका प्राचीन मंदिर शत्रुघ्न मंदिर है। पूरे भारत में भगवान शत्रुघ्न के केवल दो मंदिर हैं, पहला ऋषिकेश में और दूसरा केरल राज्य में। यहां सुबह और शाम आप आरती का आनंद ले सकते हैं। सुबह की आरती देखने लायक होती है और इसके आसपास का वातावरण आपको खुश कर देगा। भक्त और साधक इस पवित्र गंगा आरती को देखने के लिए सुबह इकट्ठा होते हैं। मंत्रों और घंटियों की मधुर आवाज़ के साथ उगता हुआ सूरज इस पवित्र नदी पर अपनी चमक अलग बिखेर देता है।

आरती का समय: सुबह: 5:30 बजे शाम: 6:30 बजे

 शत्रुघ्न घाट कैसे पहुँचें ?

यहां आप अपने वाहन या ऑटो से आ सकते हैं, जो राम झूला के पास है। जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से यह 25 किमी दूर है, ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से 4 किमी दूर, और ऋषिकेश बस स्टैंड से 3 किमी दूर है।

 त्रिवेणी घाट आरती: यह जगह अपनी महाआरती के लिए जानी जाती है, क्योंकि यह तीन नदियों के संगम (गंगा, यमुना, सरस्वती) त्रिवेणी से जुड़ी है। यहाँ की संध्या आरती को अवश्य देखना चाहिए, क्योंकि यह ऋषिकेश शहर की लोकप्रिय आरतियों में से एक है। यहाँ श्रद्धालु, बच्चे से लेकर बुज़ुर्ग तक, भजन और कीर्तन पर झूम उठते हैं। संध्या आरती के बाद एक घंटे का संध्या भजन भी ज़रूर देखें, जो यहाँ का एक विशेष आकर्षण है। लोग यहाँ स्नान करने भी आते हैं, और यहाँ से ढलता हुआ सूरज बहुत सुंदर दिखाई देता है। दीपावली के पर्व पर यह घाट एकदम अलग दिखता है, दीपों से सजा हुआ रहता है।

 आरती का समय: यहाँ की आरती प्रतिदिन शाम 6 बजे से 7 बजे तक होती है। सर्दियों में इसका समय थोड़ा जल्दी हो जाता है।

त्रिवेणी घाट कैसे जाए?

यह ऋषिकेश के केंद्र में आता है। आप अपने वाहन, बस, टैक्सी या ऑटो से यहाँ आ सकते हैं। इसकी दूरी आपको जोली ग्रांट एयरपोर्ट से 20 किमी पड़ेगी, ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से 2 किमी पड़ेगी और ऋषिकेश बस स्टैंड से 1 किमी पड़ेगी।

भरत मंदिर की आरती: यह सबसे प्राचीन मंदिर है और ऋषिकेश की पहचान इसी मंदिर से जुड़ी है। इस मंदिर की स्थापना आदिगुरु शंकराचार्य जी ने बसंत पंचमी के दिन की थी। इसलिए हर साल यहां बसंत पंचमी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है और बहुत बड़ा मेला लगता है। अगर आप ऋषिकेश आते हैं तो इस समय ज़रूर आइए। अक्षय तृतीया के दिन यह मंदिर बहुत अद्भुत दिखाई देता है। यहाँ लोग दूर-दूर से भगवान विष्णु (भगवान हृषिकेश नारायण) की 108 परिक्रमा, उनके चरण दर्शन और आरती देखने आते हैं। इस समय यह मंदिर बहुत खूबसूरत दिखाई देता है।

आरती का समय:

सुबह की आरती – सुबह 5:00 बजे

शाम की आरती – शाम 6:00 बजे

भरत मंदिर कैसे पहुँचें?

यह मंदिर आपको ऋषिकेश के मुख्य बाजार में मिलेगा। त्रिवेणी घाट से 500 मीटर की दूरी पर आप अपने वाहन या ऑटो से यहाँ आ सकते हैं। यह मंदिर जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से 24 किलोमीटर की दूरी पर है, ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर दूर है, और बस स्टैंड से यह मंदिर 1 किलोमीटर की दूरी पर है।

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